ज्ञान और ताप से अर्जित अहंकार, फिर बल, सत्ता और प्रभुत्व की आस, छोड़ गया रे तेरा विवेक तुझे, रावण, यह... ज्ञान और ताप से अर्जित अहंकार, फिर बल, सत्ता और प्रभुत्व की आस, छोड़ गया रे तेरा ...
जब से छोड़ा शरीर ने साथ निभाना मेरा सांवरा सैंया बनाए प्यार से खाना, जब से छोड़ा शरीर ने साथ निभाना मेरा सांवरा सैंया बनाए प्यार से खाना,
क्षण में जिंदगी को निखरते देखा। क्षण में जिंदगी को निखरते देखा।
परिभाषित करता हुआ मेरा प्रेम प्रसंग, मात्र इतना ही रहा। परिभाषित करता हुआ मेरा प्रेम प्रसंग, मात्र इतना ही रहा।
ऐसे मुझसे छूट गया, ऐसे मुझसे छूट गया। ऐसे मुझसे छूट गया, ऐसे मुझसे छूट गया।
बता नहीं सकती तुम्हें इसलिए रख रही हूँ सहेज कर ये राज फिर। बता नहीं सकती तुम्हें इसलिए रख रही हूँ सहेज कर ये राज फिर।